चल आपस में बदल लेते हैं,
अपने फ़ासलों को भी,
तेरे मन और मेरे तन से भी,
कम से कम पता ही चल जाए,
कि ज़्यादा शातिर कौन है,
तन या मन,
फिर चाहे वो तेरा हो या मेरा।
अपने फ़ासलों को भी,
तेरे मन और मेरे तन से भी,
कम से कम पता ही चल जाए,
कि ज़्यादा शातिर कौन है,
तन या मन,
फिर चाहे वो तेरा हो या मेरा।
Comments
Post a Comment