सफ़र चाहत जो है मेरी,
मोहब्बत है, मुक़द्दर है,
न रुक पाया, ना रुक सकता,
बिछड़ कर कारवाँ से भी,
नहीं मायूस हो पाया,
ख़ुद से क़ायदे से भी मैं,
अलविदा कह नहीं पाया,
सफ़र पूरा ना हो पाया।
Hindurdu blog by Animesh on emotions, feelings, experiences, and life to describe love aka truth.
Comments
Post a Comment