इन दूरियों का जरा भी , इल्म ना मुझे ,
उन बातों का जरा भी , अफ़सोस ना मुझे,
तेरे वादों पे जरा भी , भरोसा ना मुझे ,
तुझे आज़माने की जरा भी , हिम्मत ना मुझे ,
तेरे किसी पैग़ाम का जरा भी , इंतज़ार ना मुझे ,
मेरी ख़ामोशी के खात्मे का ज़रा भी , तूँ ना कर अब इंतज़ार ,
अपने रास्ते पे जरा भी , मेरा, तूँ ना कर अब इंतज़ार ,
पूछ लिए हैं सवाल , मैंने खुदा से अपने , इस दोज़ख में ,
कि कितने हैं खुदा इस जमीं पर ,
मेरे सवालों से पूरी खामोशी में है , मेरा भी खुदा ,
और तेरा भी खुदा |
उन बातों का जरा भी , अफ़सोस ना मुझे,
तेरे वादों पे जरा भी , भरोसा ना मुझे ,
तुझे आज़माने की जरा भी , हिम्मत ना मुझे ,
तेरे किसी पैग़ाम का जरा भी , इंतज़ार ना मुझे ,
मेरी ख़ामोशी के खात्मे का ज़रा भी , तूँ ना कर अब इंतज़ार ,
अपने रास्ते पे जरा भी , मेरा, तूँ ना कर अब इंतज़ार ,
पूछ लिए हैं सवाल , मैंने खुदा से अपने , इस दोज़ख में ,
कि कितने हैं खुदा इस जमीं पर ,
मेरे सवालों से पूरी खामोशी में है , मेरा भी खुदा ,
और तेरा भी खुदा |
Wow......While reading this I can only think of you the time we were in IIHMR, pata nahi kyu it connects me to those old days.
ReplyDeleteThanks Natasha, be connected with blog for interesting articles.
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