कभी फुर्सत में बैठोगे, तो फिर तुम सोच सकते हो,
की शायर हु नहीं मै, फिर भी लिखता हु कहा से मै,
मै भी फुर्सत में बैठा हूँ तो मै भी सोच लेता हूँ ,
यू ही बस आ गए कुछ शब्द, तो उनको जोड़ लेता हूँ
सभी शब्दों को जोड़ा हूँ , तो कुछ पाया हूँ, खोया हूँ,,
गलत जो बात मै बोलू, तो तुम नाराज़ न होना,
तुम्हे सुनकर, ज़माने बाद, मै अच्छे से सोया हूँ.
की शायर हु नहीं मै, फिर भी लिखता हु कहा से मै,
मै भी फुर्सत में बैठा हूँ तो मै भी सोच लेता हूँ ,
यू ही बस आ गए कुछ शब्द, तो उनको जोड़ लेता हूँ
सभी शब्दों को जोड़ा हूँ , तो कुछ पाया हूँ, खोया हूँ,,
गलत जो बात मै बोलू, तो तुम नाराज़ न होना,
तुम्हे सुनकर, ज़माने बाद, मै अच्छे से सोया हूँ.
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