यादों की किताब ले के मैं ,
बैठा रहा यूँ ही रात भर,
सूखे पड़े पीले पन्नों में ,
निकला गुलाब सूखा फिर ,
गीली सी हुई कहानी वो,
निकले जो आँसू आज फिर ,
बैठा रहा फिर से यूँ ही मैं ,
पढ़ी ना किताब आज फिर ,
डरता हूँ ऐसी यादों से ,
हो न जाए आज प्यार फिर ,
यादों की किताब ले के मैं ,
बैठा रहा यूँ ही रात भर ।
good job... keep it up....animesh
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