सब कहानी तेरी मै अब समझ गया,
तेरी बातो की तह तक मै पहुँच गया,
तेरे हर एक इशारे को मै समझ गया,
तेरी हर एक कशिश में हू मै खो सा गया,
जिंदा है लोग क्यों यहाँ पे, ये भी मै समझ गया,
तेरी दुनिया के पहलुओं से मै वाकिफ हो गया,
ऐ खुदा तेरी जन्नतों को मै बखूब समझ गया,
चलना होगा मुझे फिर से अपनी उसी डगर,
ना मंजिल है ना किनारा, ना कोई किश्ती जहाँ,
तेरी जन्नत से बेहतर है मेरी अनजान डगर,
क्यूंकि इस 'अनजान' के अंजाम को, मै समझ गया.
Comments
Post a Comment