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Showing posts from March, 2017

प्रेम की पराकाष्ठा ~ रिश्ता

आज कल आप किसी से ज्यादा दिन न मिले-जुले, न ही अक्सर बातें करें, कुल मिलाकर ये कहूँ कि आज के ज़माने में  "टच" में या फिर "कनेक्ट" न रहें तो आप बड़े व्यस्त, स्वार्थी, घमंडी और न जाने क्या-क्या बन जाते हैं, और अगर इनमे से कुछ नहीं बन पाए तो सामने वाला आपको "बड़ा आदमी" तो बना ही देता है,  फिर रिश्तों में वही नाराज़गी, रूठने-मनाने, खिदमत और जद्दोजहद का एक दौर शुरू हो जाता है | रिश्तों का कोई सामाजिक स्तर पर नाम हो या न हो, लेकिन अनिकेत और रक्षंदा का रिश्ता इन सब ताने-बाने से अलग ही था, है और रहेगा | दोनों ही अपनी ज़िन्दगी में व्यस्त हैं, बातें कभी-कभार हो जाती हैं, और मुलाकात हुए तो बरसों भी बीत जाते हैं, लेकिन कोई शिकवा या शिकायत नहीं होती है | अनिकेत का तो चलो मान भी लें कि उसे रक्षंदा से प्यार है , लेकिन रक्षंदा को तो नहीं है शायद , लेकिन इसके बावजूद भी, रक्षंदा ने कभी भी काफी अरसे पर होने वाली अनिकेत संग बात-चीत या मुलाकातों को लेकर कभी कोई जुमलेबाजी नहीं की | अनिकेत को तो सभी जानते हैं लेकिन रक्षंदा के चरित्र की इस गहराई को तो कोई नहीं जानता, शायद प्रेम तो...

प्रेम की पराकाष्ठा ~ अधूरी बातें (2)

कभी रात के अँधेरे में आप सड़क पर अकेले फूट-फूट कर रोये हैं, वो भी ज़माने बाद | आपको किसी की भी परवाह नहीं होगी उस सन्नाटे में, न कोई आँसू देख सकेगा और न ही सिसकियों की आवाज़ सुन रहा होगा | और कभी बेवजह रोये हैं क्या ? आपको पता ही नहीं चल रहा हो कि आप क्यों रो रहे हैं, समझ ही नहीं पाना कि ये आँसू ख़ुशी के हैं या ग़म के | आज कुछ ऐसा ही अनिकेत के साथ हो रहा था, रात के उस सन्नाटे में, रक्षंदा से मिलने के बाद वो इतनी तेजी से भागा जैसे काटो तो खून नहीं | सबसे ज्यादा कष्ट, सबसे ज्यादा वेदना तभी होती है जब कोई अपना छूटता है | अलविदा कहने के लिए भी आँखों को ही बोलना पड़ता है | और आँखों को क्यों न बोलना पड़े, इंसान के जज्बातों को पूरी सच्चाई से आँखें ही बयां कर सकती हैं | आज कुछ ऐसा ही मंजर था अनिकेत की आँखों में, दोनों, रक्षंदा और अनिकेत  ने बातें ज्यादा तो शिष्टाचार की ही करीं, लेकिन ज़ज्बात बयां करने के लिए तो अनिकेत की डबडबायी आँखें की काफी थी, वैसे रक्षंदा को आज फिर से कुछ भी पता नहीं चल पाया क्यूंकि अनिकेत का प्यार कोई आज कल का परवान चढ़ता प्यार नहीं है बल्कि उसका प्यार ही उसके प्रेम की पराक...