अतीत के पन्नों को उलट रहा हूँ , ऐ वक़्त , तुझे ख़ामोशी से सुन रहा हूँ , वो फिर से याद आया आज , जो पन्नों में दबा था, कई बातें कई यादें, जो दस्तक दे रही हैं , अकेला जान मन, फिर डर गया , फिर डर गया , किताबें बन्द कर , फेंका , मुसाफिर बन गया ।
Hindurdu blog by Animesh on emotions, feelings, experiences, and life to describe love aka truth.