अतीत के पन्नों को उलट रहा हूँ ,
ऐ वक़्त , तुझे ख़ामोशी से सुन रहा हूँ ,
वो फिर से याद आया आज ,
जो पन्नों में दबा था,
कई बातें कई यादें, जो दस्तक दे रही हैं ,
अकेला जान मन, फिर डर गया , फिर डर गया ,
किताबें बन्द कर , फेंका ,
मुसाफिर बन गया ।
ऐ वक़्त , तुझे ख़ामोशी से सुन रहा हूँ ,
वो फिर से याद आया आज ,
जो पन्नों में दबा था,
कई बातें कई यादें, जो दस्तक दे रही हैं ,
अकेला जान मन, फिर डर गया , फिर डर गया ,
किताबें बन्द कर , फेंका ,
मुसाफिर बन गया ।
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