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Showing posts from March, 2012

इन्सां

जो किस्मत की किताबों को, कभी हम यूँ ही पढ़ लेते, तो शायद खुद पता होता, की आगे आज क्या होता, यूँ दिल का दर्द कम होता, तो कोई गम नहीं होता, मगर ऐसा कभी होता, तो हम नादान ही रहते, जिसे न दर्द हो दिल में, वो तो इन्सां नहीं  होता I